सूरज की यूवी किरणों से त्वचा को काफी नुकसान होता है. इससे प्री मेच्योर एजिंग हो सकती हैं साथ ही जो लोग बहुत ज्यादा धूप के संपर्क में रहते हैं. उनमें स्किन कैंसर का खतरा भी ज्यादा होता है, इसलिए एक्सपर्ट सनस्क्रीन लगाने की सलाह देती हैं. इससे त्वचा की सुरक्षा होती है, लेकिन हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के 20 पॉपुलर सनस्क्रीन ब्रांड्स की सनस्क्रीन का परीक्षण किया गया और सबसे चौंकाने वाली बात रही कि इसमें से 16 ब्रांड फेल हो गए हैं. सनस्क्रीन त्वचा को हानिकारक यूवी किरणों से बचाने का काम करती है, जिससे सनबर्न, टैनिंग और समय से पहले झुर्रियां जैसी समस्याएं नही होती हैं, लेकिन क्या हो कि हम जो सनस्क्रीन लगा रहे हैं वो हमारी त्वचा को सुरक्षा ही नहीं दे रही हो. चलिए जान लेते हैं सनस्क्रीन से जुड़े कुछ सवालों के जवाब.
मार्केट में कई तरह की सनस्क्रीन उपलब्ध हैं, लेकिन यह बहुत जरूरी है कि आप एक हाई स्टैंडर्ड ब्रांड की सनस्क्रीन ही चुनें, क्योंकि विश्वसनीयता सबसे आवश्यक होती है. समय-समय पर रिसर्च होती रहती हैं, लेकिन इसके अलावा आप जो सनस्क्रीन इस्तेमाल कर रहे हो, उसपर लिखे निर्देशों के साथ ही इनग्रेडिएंट्स को भी ध्यान से पढ़ना चाहिए ताकि आपको पता रहे कि वह आपकी त्वचा के लिए सुरक्षित है या फिर नहीं. जान लेते हैं सनस्क्रीन से जु़ड़े कुछ कॉमन सवालों के जवाब, जो ज्यादातर लोगों के मन में होते हैं.
सनस्क्रीन लगाने के बावजूद भी नुकसान
त्वचा पर सनस्क्रीन लगाने के बाद भी क्या त्वचा को नुकसान होता है? इस सवाल की बात करें तो कुछ गलतियों की वजह से ऐसा हो सकता है, जैसे बाहर निकलते वक्त तुरंत सनस्क्रीन लगाना या इसकी मात्रा बहुत कम लेना. इसके अलावा आपकी सनस्क्रीन प्रभावी न होना, यानी SPF 30 या 50 की सनस्क्रीन न लगाना.
क्या हाथ-पैर पर भी लगाएं सनस्क्रीन?
ज्यादातर लोग अपने चेहरे पर तो सनस्क्रीन लगा लेते हैं, लेकिन इसके अलावा बॉडी के कुछ पार्ट्स जैसे लिप्स, फुट्स के टॉप पर, हथेलियों की बैक साइड टॉप पर, स्कैल्प की पार्ट लाइन यानी फ्रंट हेयर लाइन पर, नेक पर, ईयर्स पर और अगर बैकलेस अटायर है तो पीठ पर भी सनस्क्रीन लगानी चाहिए.
सनस्क्रीन से नुकसान भी होता है?
वैसे तो त्वचा की सुरक्षा के लिए सनस्क्रीन लगाई जाती है, लेकिन अगर उसमें बेंजीन ज्यादा मात्रा में होता है, तो ये आपकी त्वचा के लिए नुकसानदायक हो सकता है. ये सीधे तौर पर सनस्क्रीन में नहीं मिलाया जाता है, लेकिन अगर संदूषण की वजह से इसकी मात्रा सनस्क्रीन में पहुंच जाए तो ये स्किन कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है.